इन लव विथ बिलियनेयर( कॉन्ट्रैक्ट मैरिज ) (भाग-40)
✌️
********************************************
पिछले भाग में आपने पढ़ा था की ऋषभ - अवनी निकल जाते है ...देव और संजना को खोजने ...
अब आगे
गुफा में
बिजली चमकने की आवाज सुनकर संजना ..देव को कसकर पकड़ लेती हैं तो देव के होश ही उड़ जाते है वो हैरानी से उसे देखने लगता है ....दोनो कुछ देर तक ऐसे ही रहते हैं क्योंकि बिजली अभी भी चमक रही होती है ......तभी देव अपने माथे को छूता और महसूस करता है की पूरे माथे पर पसीना हुआ पड़ा है ..वो उसे पोछता है और कहता गई ,
देव -( हकला कर) सन ...संजना आर यू ओके ?
( संजना कोई जवाब नही देती है ,देव उससे फिर से ये सवाल करता है तो वो .. हड़बड़ा कर पीछे हट जाती है और कहती है ).
संजना - सॉरी... सॉरी देव ....वो मुझे बिजली चमकने की आवाज से डर लगता है ..
देव - कोइ....कोई बात नही तुम बैठ जाओ ...
( संजना वही नीचे बैठ जाती है पर बार बार उसकी नजर बाहर आसमान पर होती है ...वो लगातार देखती ही जा रही होती है तो देव कहता है )
देव - संजना ...अगर तुम्हे बिजली चमकने से डर लग रहा तो तुम मेरे साइड आकर बैठ सकती हो ...में बाहर नजर रखूंगा ...
( संजना ...उसे देखती है और फिर बाहर देखने लगती है , देव अपना ट्रैकसुट निकालकर वही पत्थर पर रख देता है ताकि वो थोड़ा सुख जाए और वही नीचे बैठ जाता है गुफा की दीवार पर सर टिका के ......दोनो एक दूसरे से कुछ नही कहते हैं.....बाहर मूसलाधार वर्षा हो रही होती है और आसमान अभी भी काला होता है तो उसे देखकर देव कहता है )
देव - मुझे नहीं लगता ये बारिश आज रुकेगी .....🙄
संजना - तो क्या हमे रात यही गुजारनी पड़ेगी ..??
देव - ( खुद को ट्रैकसुट से ढक कर ) मेरे से दूर रहना ...मुझे मेरी इज्जत बहुत प्यारी है .....
संजना -( मुंह फेरकर) अपनी बकवास बाते बंद करोगे …..
( देव मुस्कुराता है और सोचता है की - चलो ये कुछ तो बोली )...फिर उससे कहता है)
देव - यार मुझे भूख लगी है बहुत
संजना - ( मुसकुराते हुए ) हां चलो अन्दर ...पूरा खाना रखा हुआ है तुम्हारे लिए ..
देव -( खुश होकर ) क्या सच में .......संजना तुम...
संजना - ( घूरते हुए ) तुम्हारा दिमाग तो ठीक है ....हम यहां फंसे पड़े हुए है और तुम्हे खाने की पड़ी हुई है ....
देव - तुमने ही तो कहां की खाना है अंदर ( आंखे ऊपर करके ) ......
संजना - हां तो जाओ शेर जी ने रखा हुआ है पूरा दावत.... उड़ा लो ....
देव - हुह....मतलब तुम ये मजाक कर रही थी...
संजना - कभी तो सीरियस हो जाया करो ....
देव -( मुंह पर उंगली रख कर ) अच्छा सॉरी.....
संजना फिर से बाहर देखने लगती है और देव वही आंखे बन्द करके बैठ जाता है ....उसे देखकर संजना कहती है ,
संजना - इसे सच मे भूख लगी है या मजाक कर रहा ....
देव -( आंखे बन्द किए ही ) भूख के मामले में मै कभी मजाक नहीं करता...
संजना -( दूसरी तरफ मुंह करके) तुम सोए नही थे ...
देव - भूखे पेट मुझे नींद नहीं आती .....
( संजना कुछ नही कहती है और अपने ट्रैकसुट की जेब से एक चॉकलेट का पैक उसके गोद में फेंक देती है और कहती है )
संजना - मेरे पास बस यही है ....खाना है तो खा लो ...
( देव ...चॉकलेट को गोद मे गिरने की वजह से आंखे खोल देता है और उसे हाथ में लेकर कहता है )
देव - तुम क्या खाओगी ??
संजना -( चॉकलेट दिखाकर ) मेरे पास है ....
( देव मुस्कुराते हुए पैक खोलता है और खाने लगता है ....उसे देखकर संजना भी अपने पैरो को सामने कर लेती है और खाने लगती है ...इस बीच दोनों ये ध्यान नही देते है की बारिश की वजह से एक सांप झाड़ियों से निकलकर उनके सामने बैठा हुआ है.....देव आंखे बन्द किए हुए मस्ती से खा रहा होता की कुछ हिलने की आवाज सुनकर आंखे खोल देता है और देखता है की सांप संजना के पैरो की तरफ बढ़ रहा है .....वो घबरा जाता है और कहता है ,
देव - संजना सांप ...
संजना -(देव से ) तुम मुझे चमगादड़ , चुडैल सब कहते हो ठीक है पर आज सांप 😡कह दिए ...आज तो तुम बचने वाले नही हो .......
देव -( शांति से ) संजू...प्लीज आगे मत बढ़ना ...,मेरी बात सुनो...
संजना - ( गुस्से में )क्या बात सुनूं मैं तुम्हारी 😡सबके सामने बेइज्जती करते हो तुम मेरी .....
देव -( माथे पर हाथ रखकर) संजू ...बात को कहां से कहां ले जा रही हो ....
संजना -( थोड़ा आगे बढ़ कर ) बस बहुत हो गया ... मैं जा रही ....
( संजना बाहर जाने ही लगती है की देव गुस्से में आगे बढ़कर संजना का हाथ पकड़ लेता हैं और अपनी तरफ उसे खींचकर कहता है )
संजना - तुम चुप नही रह सकती क्या ....जब देखो तो बक बक करती रहती हो ...मेरी एक बात नही सुन सकती ....
( संजना ....देव के इतने करीब होने की वजह से हड़बड़ा जाती है ,वो इधर - उधर देखने लगती है और उसी पल घूरते हुए कहती है )
संजना - तुम्हारी हिम्मत.....
( संजना अभी अपनी बात पूरी भी नही कर पाई होती है की देव उसे धक्का देकर पीछे गिरा देता है और अपना ट्रैकसुइट उस सांप के ऊपर डालकर उसे उठाता है और बाहर दुर जाकर फेंक देता है , और वापस भागते हुए गुफा में आकर वही कोने में जाकर बैठ जाता है .......संजना तब तक उठ चुकी होती है...... देव को ऐसे देखकर उसके पास आती है और कहती है ,
संजना -( कंधे पर हाथ रखकर) तुम ठीक तो हो ??
देव -( उसका हाथ हटाकर ) हां ...
(संजना को उसका ये बिहेवियर थोड़ा अजीब लगता है पर फिर भी वो उसके पास से उठती है और देखती है की पत्थर पर दोनो आधी खाई हुई चॉकलेट्स का पैक रखा हुआ है....वो उसे उठाती है और मुंह पिचका कर देखने लगती है की देव पीछे से उठता है और हाथ से चॉकलेट लेकर वही बैठकर खाने लगता है .......संजना उसे देखती है और अब उसी के पास बैठकर खाने लगती है ......पर इस बीच इन दोनो को पता ही नही चलता है की वो एक दूसरे का खा रहे हैं .........थोड़ी देर तक दोनो शांत रहते है ....देव थोड़ा भीग गया होता है तो संजना उसे अपना ट्रैकसुट दे देती है और दो छोटे पत्थरों को लेकर एक साथ मारने लगती है तो देव कहता है )
देव - तुम ये क्या कर रही हो ?
संजना - आग जलाने की कोशिश कर रही....
देव -( हंसते हुए ) और आग किसमे लगाओगी ..
संजना - तुम हंसना बंद करोगे हुह...कामचोर इंसान ...
(वो फिर गुफा के अंदर पड़ी हुई सुखी घासो को उठाती है और कुछ लकड़ीयो को भी .....फिर उसका ढेर बनाकर फिर से आग जलाने की कोशिश करने लगती हैं की देव कहता है )
देव - ये तुम क्या कर रही हो?
संजना -( घूरते हुए ) तुमने आदिमानव के बारे के पढ़ा भी है या नही ??
देव - अरे आदि भाई तो घर पर है और मानव मेरे दोस्त का नाम है ......
संजना - एक बार आग जलने दो तुम्हे इसी में डाल दूंगी ...
देव - ( थोड़ा पीछे हट कर) तुम्हारे लिए एक नया नाम ...
संजना - तुम ना ...ये सारे नामकरण अपने बच्चो का करना मेरा नही ...🙄
देव - सुन तो लो ..... रक्तचुस्मानव ...
संजना -( हैरानी से ) क्या कहा तुमने ?
देव - अरे ... बस पुराने नाम का नया वर्जन ...मतलब वैमपायर है ...
संजना - ओह तो मै वैमपायर ....अभी रुको तुम्हारा खून चूसती हु .....
( संजना उतना कहकर पत्थर वही रख देती है और देव की तरफ बैठते हुए बढ़ने लगती है ......देव संजना को रोकने की कोशिश करता है पर वो भी उसके करीब पहुंच जाती हैं और उसका हाथ पकड़ कर हटाने लगती है , तो देव हंसते हुए अपना फेस इधर - उधर करने लगता है की वो अपना फेस उसके पूरे सामने कर लेती है और जैसे ही देव अपना फेस सामने करता है संजना का लिप उसके लिप से टच हो जाता है , तबतक बारिश बबंद हो चुकी होती है ....)
दूसरी तरफ,
ऋषभ - अवनी कार में बैठकर दोनो को खोजने के लिए निकल चुके होते है ....बारिश अभी भी हो रही होती है ....जिसकी वजह से ऋषभ ने विंडो बंद करके रखी होती है तो अवनी कहती है ,
अवनी - मैं ये विंडोज ओपन कर लू क्या ?
ऋषभ - नही....बारिश का पानी अंदर आ सकता है ...
अवनी - नहीं आएगा ...
ऋषभ - आ जायेगा
अवनी - हमने कहा नही आयेगा ...
ऋषभ -( ड्राइविंग करते हुए ही ) आप आजकल जिद्दी क्यों होती जा रही है ?
अवनी -( दूसरी तरफ मुंह करके) मेरी मर्जी ....
( फिर वो दुसरी तरफ मुंह कर लेती है .......तभी ऋषभ धीरे से बटन दबा देता है और अवनी जो विंडो की तरफ फेस करके बैठी होती है ....अचानक से विंडो खुलने की वजह से पूरा पानी का बौछार उसके फेस पर आ जाता है वो हड़बड़ा जाती है और जल्दी से विंडो क्लोज करके ऋषभ को गुस्से में घूरने लगती है .....तो वो कहता है ,)
ऋषभ - ये आप मुझे खा जाने वाली नजरो से क्यों देख रही है ...
(अवनी बिना कुछ कहे अपना फेस हाथो से पोछने लगती है तो ऋषभ उसे अपना रुमाल सामने कर देता है........अवनी रुमाल को वापस करते हुए कहती है )
अवनी - रुमाल दूसरो का यूज करने से दुश्मनी बढ़ती है ....
(ऋषभ मुस्कुराते हुए उसकी बात सुनकर हैरान हो जाता ... फिर अवनी हाथ पीछे करके टॉवेल लेती है और मुंह पोंछकर सामने देखने लगती है ......ऋषभ उसे ऐसे शांत देखकर म्यूजिक ऑन कर देता है ,
ऐसा लगा मुझे पहली दफा
तन्हा मैं हो गयी यारा
हूँ परेशान सा मैं
अब ये कहने के लिए
तू ज़रूरी सा है मुझको ज़िंदा रहने के लिए
हो तू ज़रूरी तू ज़रूरी
सा है मुझको सा है मुझको
ज़िंदा रहने के लिए ज़िंदा रहने के लिए
ये सुनकर अवनी थोड़ी बैचेन हो जाती है , वो ऋषभ से अपनी नजरे चुराकर इधर - उधर अपनी गर्दन घूमाने लगती है ....वही ऋषभ उसे ऐसे हरकते करते देख मुस्कुरा देता है😊 और तभी अवनी म्यूजिक चेंज कर देती है , और ये गाना बजने लगता है,
तेरे दिल का मेरे दिल से
रिश्ता पुराना है
तेरी बेचैनी का, तेरी तन्हाई का
एहसास है मुझको सुन
मैं जो साथ तेरे हूँ
फिर तुझे है कैसा गम
दर्द बाँट लेंगे हम सुन
ओ ओ ओ…
ये सुनकर तो अवनी म्यूजिक ही बंद कर देती है और विंडो खोलकर बाहर देखने लगती है ,..... ऋषभ ड्राइविंग धीरे धीरे कर रहा होता है क्योंकि बारिश हो रही होती है ऊपर से फिसलन का भी डर होता है और इस बीच बारिश की बुंदे अवनी के फेस पर छींटे मारते हुए गिरने लगती है तो वो मुस्कुराते हुए आंखे बंद कर लेती है .......ऋषभ ...कभी सामने देखता तो कभी अवनी की तरफ और फिर उसे देखकर मुस्कुरा देता है की तभी अवनी उसकी तरफ मुड़के कहती है ,
अवनी - अच्छा एक बात.......एक मिनट आप मुस्करा क्यों रहें है ??( अपने फेस को टच करके ) कुछ लगा हुआ है क्या ??
ऋषभ -( कार रोककर ) क्या मै मुस्करा नही सकता
अवनी - नहीं मेरा मतलब वो .....
( तभी ऋषभ पीछे से टॉवेल लेकर उसकी तरफ थोड़ा झुक जाता है ......अवनी ....ऋषभ को ऐसे देख थोड़ा सकपका जाती हैं और आंखे बड़ी करके उसे देखने लगती हैं.....ऋषभ फिर अपना सर उठाता है और धीरे से उसके फेस की तरफ बढ़कर टॉवेल से उसके माथे पर पोछते हुए बिल्कुल उसके करीब आ जाता है तो .... अवनी कसकर अपनी आंखे बन्द कर लेती है , ऋषभ उसे देख मुस्कुराता है और जैसे ही माथे पर किस करने जाता है ...पीछे से कोई हॉर्न बजाते ही चिल्लाता है की - अरे भाई आगे बढ़ो .......हॉर्न की आवाज से ऋषभ हड़बड़ा कर अपनी सीट पर बैठ जाता है और चस्मा लगाकर गाड़ी चलाने लगता है.........वही अवनी ....अपनी सीट से बिल्कुल चिपक कर बैठ जाती है और ऋषभ को घूरने लगती हैं....अब बारिश बिल्कुल बंद हो चुकी होती है और ठंडी ठंडी हवाएं चलना शुरू हो गई होती है इसी वजह से अवनी अपना ट्रैकसुट पहन लेती है और हाथो को रगड़ते हुए बाहर देखने लगती है और तभी कहती है ,
अवनी - ऋषभ .... रुकिए रुकिए ...
ऋषभ - ( हड़बड़ा के गाड़ी रोक कर ) क्या हुआ आप ठीक तो है??
अवनी -( डोर खोलकर ) मैं आती हु ...
( फिर वो कार से बाहर निकल जाती है तो ऋषभ भी थोड़ा हैरान होकर कार से बाहर निकल जाता है और देखता है की अवनी स्टॉल के पास खड़े होकर आइसक्रीम खा रही ....और फिर वो ऋषभ को आवाज देती है तो वो कार के पास ही खड़े होकर ना आने का इशारा कर देता है .........उधर अवनी हुह करके अपनी आईसक्रीम खाने ने लग जाती है ...... कार के पास खड़ा ऋषभ फोन निकालता है और उसकी फोटो खींचकर थोड़ी देर देखता है और फिर पास गुजरते हुए एक आदमी को रोक कर कहता है ,
ऋषभ -( देव - संजना की फोटो ) इन दोनो को यहां कही देखा है क्या??
( वो आदमी मना कर देता है ....ऋषभ और भी लोगो से पूछता है तो एक बुजुर्ग कहते हैं - अरे हां इन दोनो को देखा था ...बिल्कुल कुत्ते - बिल्ली की तरह लड़ रहे थे.....ऋषभ उनकी बात सुनकर उन्हे शुक्रिया कहता है और अवनी को इशारों से आने के लिया कहता है........अवनी मुंह पिचकाये हुए उसके पास आती हैं और कहती है )
अवनी - क्या हुआ ....( आईसक्रीम दिखाकर ) आप खायेंगे ?
ऋषभ - ( मुंह थोड़ा पीछे करके ) मुझे नही पसंद ....
अवनी - कुछ पसंद है भी क्या ......
ऋषभ - कार में बैठिए ....हम जा रहे उन दोनो को खोजने .....
( अवनी फिर कार में बैठने ही जाती है की वो बुजुर्ग आदमी फिर से मुड़कर कहता है .....आगे पैदल जाना ....क्योंकि रास्तों में पत्थर गिरा होगा पक्का ....तो कार ले जाना मुश्किल है ........ऋषभ उसकी बात सुनकर अवनी से बाहर आने के लिए कहता है तो अवनी थोड़ी देर में आती हु कहके कुछ करने लगती है ......ऋषभ वही बाहर इंतजार करने लगता है और थोड़ी देर बाद कहता है )
ऋषभ - आप कर क्या रही है ?
अवनी - गम बूट्स और ट्रैकस्यूट ठीक कर रही थीं....( मुंह बनाते हुए) चलिए ...
( ऋषभ फिर कार लॉक कर देता है और दोनों आगे चलने लगते है ...अवनी मुस्कुराते हुए आस पास के जंगलों को देख कर रही होती है ...और वही ऋषभ दोनो हाथ पीछे करके शांति से चल रहा होता है और नोटिस करता है की लोग उन्हे थोड़े अजीब तरीके से देख रहे है .......वो इधर - उधर नजरे को घुमाता है और कहता है )
ऋषभ - ये सब लोग हमे ऐसे क्यों देख रहे?
अवनी -( हंसते हुए ) शायद आपकी शक्ल देखकर .....
( ऋषभ उफ्फ कहके फिर से सामने देखते हुए चलना लगता है की एक औरत उसके सामने आकर खड़ी हो जाती है और कहती है ,)
औरत - बेटा बीवी को खुश रखते हो वो अच्छी बात है ...पर इस हालत में ऐसे फिसलन वाली जगह पर घुमने की क्या जरूरत है ....
( ऋषभ थोड़ा हैरान हो जाता है और साथ में अवनी भी ....दोनो एक दूसरे को देखते है और फिर अवनी कहती है )
अवनी - क्या हुआ आंटी जी ?
औरत - ( अवनी का हाथ पकड़कर) बेटा तुम चलो इस बेंच पर बैठ जाओ ....ऐसी हालत में घूमना अच्छी बात नहीं है ....
( अवनी हाथ छुड़ाकर थोड़ा पीछे हट जाती है और कहती हैं )
अवनी - ये आप क्या कर रही है .......मुझे क्या हुआ है ??
ऋषभ -( मुस्कुराते हुए औरत से ) ओके आंटी जी ...सच्ची कहां आपने इस हालत में नहीं घूमना चाहिए ....आप जाइए ...हम वापस जा रहे....
( वो औरत ठीक है कहकर वहां से चली जाती ....फिर अवनी ...हैरानी से ऋषभ का हाथ पकड़कर कहती हैं)
अवनी - क्या बकवास कर रहे थे आप दोनो ??🙄..
( ऋषभ ..उसे उसके पेट की तरफ इशारा करके पूछता है की )
ऋषभ - ये सब क्या है ?
अवनी -( अपनी पेट की तरफ देखकर😅) ओह गॉड इसमें तो ....रुकिए ...
( वो चैन खोलकर 4 पैकेट कुरकुरे और चिप्स के निकालती है और कहती है )
अवनी - हो गया पेट मेरा कम .....अब चले
( ऋषभ उसकी इस बच्चो जैसी हरकत पर थोड़ा मुस्कुराता है और जंगल की तरफ बढ़ने लगता है .....पीछे अवनी खाते खाते चल रही होती है तो ऋषभ उसे जल्दी आने का इशारा करता है .....अवनी भागकर उसके पास आती है और एक मुक्का मारकर रोड पर भागने लगती है .....ऋषभ अपनी पीठ को सहलाते हुए ....भागती हुई अवनी को देखने लगता है .....दोनो अब वहां पहुंच चुके होते है जहां वो पेड़ गिरा होता है ....पेड़ गिरे होने की वजह से वही रुक जाते है और देव - संजना को आवाज देने लगते है ...........
दूसरी तरफ
संजना और देव के लिप टच होने की वजह से दोनो थोड़ी देर तक सुन्न हो जाते है .....संजना का हाथ ढीला पड़ जाता है वो देव के हाथों को छोड़ देती है ........तभी अपने नाम पुकारने की आवाज सुनती है तो आंखे खोल लेती है और हड़बड़ा कर देव के पास से उठती है और गुफा से निकलकर भागते हुए , झाड़ियों को पार करते हुए पत्थर पर खड़ी हो जाती और नीचे ऋषभ और अवनी को खड़ा देख उन्हे पुकारने लगती है .......आवाज सुनकर ऋषभ ..संजना की तरफ देखता है और उसे नीचे आने के लिए कहता है .....पीछे तब तक देव भी आ गया होता है ....संजना उसे गुस्से में घूरते हुए पत्थर से उतर जाती है और भागकर ऋषभ के गले लग जाती है ..........देव धीरे धीरे उतरता है और सोचता आता है की अगर संजना ने कुछ बोला तो मै आज नहीं बचने वाला जीजू के हाथ से ........संजना ...ऋषभ से लिपट जाती है और उसी तरह कुछ देर रहती है की ऋषभ उसे अपने से दूर करके कहता है ,)
ऋषभ - किससे पूछकर तुम दोनो घूमने निकल गए थे.....पता है वहां घर पर सब लोग कितने परेशान है ...अगर मॉम - डैड को ये बात पता चली तो वो उनका क्या हाल होगा ....कुछ जानती हो ..
संजना - सॉरी भाई ....
देव - जीजू सॉरी .....
( ऋषभ बिना कुछ कहे अवनी का हाथ पकड़ता है और तेजी से आगे कार की तरफ बढ़ने लगता है और पीछे पीछे देव - संजना भी पर दूरी बनाकर........सब कार के पास पहुंच जाते है तो ऋषभ कहता है ,)
ऋषभ - ( संजना से ) कार में बैठो ...
( वो जाकर बैठ जाती हैं .......देव वही खड़ा होता है तो )
ऋषभ - ( देव से ) तुम्हे क्या इन्विटेशन कार्ड देना पड़ेगा .....
( देव कार में जल्दी से जाकर बैठ जाता है और सोचता है की - आज तो मेरी खैर नहीं....सब बहुत पीटने वाले है ........अवनी अभी भी बाहर खड़ी होकर पेड़ो को देख रही होती है तो पीछे से ऋषभ आकर उसे गोद में उठा लेता है और डोर खोलकर उसे बिठा देता....फिर खुद भी बैठकर कार स्टार्ट कर देता है ......अवनी ...ऋषभ को उसे ऐसे अचानक से गोद में उठाने की वजह से ...थोड़ा हड़बड़ा गई होती है उसे घूरते हुए सोचती है की - घर चलिए बताती हु 🙄...........फिर पूरे रास्ते चारो शांत रहते हैं .....थोड़ी देर बाद सब लोग घर पहुंच जाते हैं और जैसे ही डोर पर नॉक करते हैं ......नील दरवाजा खोलकर ....देव को अपने सामने मुसकुराते हुए देख उसके ट्रैकसुट का कॉलर पकड़ता है और उसे खींचते हुए कमरे में लेकर चला जाता है .....बाहर ये तीनो सावलिया नजरो से एक दूसरे को देखते है और फिर अंदर आ जाते हैं .....संजना को आया देख विहान धीरे धीरे चलते हुए आता है और उसे गले लगाकर कहता है )
विहान - ओए पागल .....अगली बार से बिना बताएं कही गई तो तुम्हारी खैर नहीं....
संजना - भाई सच में सॉरी ......
आदि - ये लास्ट टाइम है इसके बाद तुम कही अकेले नहीं जाऊंगी ......याद है ना बचपन में भी तुमने ऐसी हरकत की थी .....
खुशी - क्या मतलब ?
आनंद - मतलब ये की ....ये कभी स्कूल से घर नहीं आती थी बल्कि जंगलों में घूमने जाती थी .....
नैंसी - अरे फिर तो ये मेरी प्रजाति के है ( मुस्कुरा कर )...
खुशी - अगर तुमने ऐसी कोई हरकत की तो ....मैं खोजने भी नही आऊंगी ...
नैंसी - चुहिया कही की 😏
आनंद - सत्यवचन ....
खुशी - मुझसे दूर रहना आप ....
( फिर वो अपने कमरे में चली जाती है .......पीछे पीछे आनंद भी पर ये कहकर की थोड़ी देर में आता हु ...मुझे संजना की क्लास लेनी है .......अवनी ....संजना को पानी लाकर देती है और उसे देखती है की कही चोट तो नही आई ........थोड़ी देर बाद आनंद ऊपर कमरे में से आ जाता है पर गालों को लाल किए हुए ...सब उसे देखकर हंसने लगते है .....पर कोई कुछ नही कहता है ....ऋषभ ,देव ,नील को छोड़कर सब हॉल में बैठें होते है .......आनंद ...संजना से उटपटांग सवाल करने लगता है जैसे ,
आनंद - ( खुश होकर )जंगल में कैसा लगा ...शेर मामा से मिली क्या ???
तुम्हे चमगादड़ देखकर बहुत खुश हुए होंगे ??
अपनी बहन नागिनी से मिली क्या ..??
पूरा जंगल घूम कर आई हो ना ? या चीता चाचा से मुलाकात ही नही हुई ?
( संजना ...उसके ऐसे सवालों को सुनती है और फिर मुस्कुराती हुई कहती हैं)
संजना - वैसे ....आज सुबह से किसी को मारा नही ....ऊपर से हाथो में खुजली बड़ी हो रही है .....बताओ कुछ मदद चाहिए क्या आपको ?
आनंद - (दूर होकर ) नही मैं ठीक हु बहन ......., चमगादड़ .....
संजना - ( चिल्ला कर ) ये गाल लिपिस्टिक से लाल किसने किया आनंद भाई का ?
( आनंद ये सवाल सुनकर भागकर मिरर के पास जाता और गालों पर लिपिस्टिक के निसान देखकर मुंह छुपाते हुए बाथरूम में घुस जाता है .......संजना उसे हंसते हुए देखने लगती हैं पर उसकी नजरें देव की कमरे की तरफ होती है क्योकी इतनी देर हो गई होती है पर ना नील बाहर आया होता है ना नील .........सब थोड़ी देर वही बैठकर बात करते है उसके बाद डिनर के टाइम पर सब लोग डाइनिंग टेबल पर बैठ जाते हैं और नील - देव का इंतजार करने लगते है ......कुछ पल बाद नील अपने कमरे से बाहर आता है और कहता है ,
नील - आप लोग खा लिजिए ...मुझे भूख नहीं है ..
अवनी - तुम यहां बैठो और देव को भी बुलाओ.....
नील - दी ....देव सो चुका है ....
रिया - ऐसे कैसे सो गया ?? उसे बुलाओ .....
नील - दी ....देव ने ही कहा था की उसे भूख नहीं है इसलिए वो सो गया ..
विहान - ठीक है तुम आकर खाओ ...
नील - सॉरी मिस्टर विहान ........ गुड नाईट एवरीवन .....( संजना की तरफ देखकर ) गुड नाईट संजना .......
( फिर वो अपने कमरे में चला जाता है ....उसके जाने के बाद नैंसी भी भूख नहीं है कहकर ऊपर कमरे में चली जाती है .......सब एक दूसरे को देखते और फिर थोड़ा सा खाकर ही सब अपने अपने कमरे में चले जाते है .....ऊपर कमरे में अवनी सारी विंडोज बंद कर देती है क्योंकि बारिश फिर से शुरू हो गया होता है .......तभी ऋषभ बाथरूम से बाहर निकलता है तो अवनी कहती है ,
अवनी - ऋषभ जी एक बार पता करके आइए ना की देव भाई ठीक है या नही ...( आंखे ऊपर करके ).क्योंकि मुझे लगता हैं नील भाई ने उनकी सूताई की है ...
ऋषभ - ( हैरानी से ) क्या किया है ?
अवनी - आज बजी है उनको शायद
ऋषभ - आप क्या कह रही है ?
अवनी -( परेशान होकर) आपको रोज लाते मिलती है ना बस उसी का भाई ...
( फिर वो उफ्फ कहके बेड पर जाकर लेट जाती है तो ऋषभ ..…मुसकुराते हुए उसके पास आता है और कहता है )
ऋषभ - कल ट्विंकी ने बुलाया है सभी लोगो को ...
अवनी - क्या ....सच मे ....उन्हे कैसे पता चला हम यहां है ??
( ऋषभ बिना कुछ कहे बेड पर चढ़ जाता है और लेटते हुए अवनी के माथे को चूम लेता और लाइट ऑफ कर देता है .....अवनी उसे अंधेरे में ही उसकी तरफ देखने लगती है और फिर उसकी तरफ मुंह करके सो जाती है )...
********************************************
shweta soni
27-Jul-2022 06:39 AM
Nice 👍
Reply
Neha syed
14-May-2022 09:40 PM
👏👏
Reply
Anam ansari
14-May-2022 09:30 PM
Nice
Reply